Gunjan Kamal

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प्यार जो मिला भी और नहीं भी

सत्य कथा से प्रेरित एक ऐसी कहानी  जिसमें   एक लड़की को अपने साथ पढ़ने वाले लड़के से बेपनाह  मोहब्बत तो  होती है लेकिन उस के नसीब में क्या लिखा था ? अभी तक तो उसके साथ बहुत ही अच्छा हो रहा था  लेकिन क्या उसके आने वाले जीवन में उसकी यह मोहब्बत उसे मिली ?  यदि  नहीं मिली तो इसके पीछे कारण क्या था और अगर  उस लड़की को उसकी मोहब्बत मिल भी  गई तो कैसे मिली ? किन हालातों में मिली ? इन सब सवालों के जवाब सिर्फ इसी कहानी में मिल सकता है जो कि आज से धारावाहिक के रूप में आपके समक्ष उपलब्ध होगा ।


                                      पहला भाग 👇

मधु जो इस कहानी की मुख्य नायिका है  अभी आठवीं कक्षा की छात्रा है । सुंदर होने के साथ-साथ वह पढ़ाई में भी बहुत होशियार है। वो अपने मम्मी - पापा और अपने भाई - बहनों को बहुत प्यार भी  करती है। उसका ध्यान अपनी पढ़ाई पर ही हमेशा से रहा है और आगे भी वहीं से जारी रखना चाहती है । वों  बचपन से ही चाहती हैं कि वो डाॅक्टर बने । डॉक्टर बन  उन सभी की  सेवा करें जिनकी उसकी अधिक जरूरत होती है । डाॅक्टर बनने के ख्वाब को अपने मन‌ में संजोए वह पढ़ाई कर रही है।


वक्त  चलायमान है वह चलता ही रहता है । ना तो कोई भी उसे सुख  में रोक  सकता है और ना ही दुख में । अपने जीवन में होने वाले नित्य परिवर्तनों के साथ मधु अब  आठवीं पास करके नौवीं कक्षा में प्रवेश कर चुकी है । डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए उसे मैट्रिक की परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होना ही पड़ेगा । यह सोच कर स्कूल के अलावा अब  उसने कोचिंग भी  ज्वाइन कर ली थी हालांकि वह कोचिंग उसके गांव से दूर था लेकिन पढ़ाई के प्रति उसकी  इच्छाशक्ति ने उसे दूर जाने के लिए हमेशा से ही प्रेरित किया था यही वजह थी कि उसने अपनी मां को किसी भी तरह से मना लिया था और एक  महीने से कोचिंग आ - जा रही थी ।


जब मधु ने  कोचिंग जॉइन किया  तब उस कोचिंग में शुरुआती बैच होने के कारण बहुत कम लड़के - लड़कियां ही थे । लगभग एक  महीने बाद मधु  पहली बार अपने कोचिंग  में  एक नए  लड़के को देखती है । उसको देखते ही वो अपने मन में सवाल करती है कि क्या यह लड़का मुझसे पढ़ने में तेज है ? यदि यह मुझसे अधिक  पढ़ने में तेज हुआ तो पिछले एक  महीने  में मैंने सर के सामने जो अपनी  पढ़ाकू इमेज रखी  है वह इसके आने से धीरे - धीरे खत्म ना हो जाएं । 


  यें  थी मधु और  ऋषभ  की पहली मुलाकात............

मधु  कोचिंग  में अपने क्लास की जान थी । किसी भी लड़के और लड़कियों को कोई भी सवाल  समझ में नहीं आता वों सभी  पहले अपने सर के पास जाते और उमेश सर उसे मधु के पास भेज देते।


ऋषभ ने  नौवीं कक्षा की बैच  शुरू होने के लगभग एक  महीने बाद कोचिंग में प्रवेश किया था इस कारण हर बिषय  में अपनी किताब के  पहले अध्याय को वह  पढ़ और समझ  नहीं पाया था । उमेश सर जानते थे कि ऋषभ को दिक्कत होगी इसीलिए उन्होंने मधु से कह रखा था कि ऋषभ जब भी तुमसे पढ़ाई से संबंधित कोई भी मदद मांगता है तुम उसकी मदद कर दिया करना । दूसरे  लड़के - लड़कियों की तरह मधु अब ऋषभ  की भी  पढ़ाई में मदद करती  इस तरह शुरुआती कुछ दिन छोड़कर अब  धीरे - धीरे दोनों में बातें होने लगी।


बातों के क्रम में ही दोनों को पता चला कि दोनों एक ही हाई स्कूल में पढ़ते हैं  चूंकि दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ते थे तो  कोचिंग के अलावा स्कूल में भी रोज यें एक -  दूसरे को देख ही लेते थे । आज के स्कूलों की तरह एक ही कक्षा में लड़के और लड़कियां उस वक्त नहीं पढ़ते थे बल्कि  उस विद्यालय में तो लड़के और लड़कियों की कक्षाएं  अलग- अलग थी । 


मधु और ऋषभ की पसंद लगभग  एक जैसी ही थी । उन्हीं  में  से एक था उन दोनों का क्रिकेट के प्रति प्यार ।  दोनों को ही क्रिकेट  बहुत पसंद था।


एक दिन कोचिंग में ...............👇


ऋषभ :-  आज तुम स्कूल जाओगी ?

मधु  :- नहीं ! आज तो  भारत और पाकिस्तान का मैच है ।  इस मैच को  मेरी आंखें देखने से छोड़ नहीं सकती  इसीलिए आज मेरा तो स्कूल जाने का कोई भी मूड नहीं है ।  मैं तो स्कूल  नहीं जाउंगी । क्या  तुम जाओगे?


ऋषभ :-  तुम अगर नहीं जाओगी तो मैं भी नहीं जाऊंगा । ऐसा करते हैं दोनों ही अपने - अपने घर में टी. वी.पर मैच देखते हैं ।


सुबह के ०९:४५ मिनट पर स्कूल  में 👇

मधु और ऋषभ  एक - दूसरे को स्कूल में  देखकर सिर्फ  मुस्कुरा देते हैं। उस दिन ऐसा होता है कि दोनों के अपनी कक्षा में जाने के बाद से  ऐसा कोई भी समय नहीं होता है कि दोनों एक - दूसरे  को देख सकें । दूसरे दिन चूंकि रविवार था इसलिए वे दोनों मिल नहीं पाते।

अगले दिन सोमवार को कोचिंग में 👇

मधु :-  तुम स्कूल कैसे चले गए जबकि तुमने कहा था मैं नहीं  जाऊंगा ?

ऋषभ :-  मेरे दिल ने कहा तुम स्कूल आओगी इसलिए मैं गया वैसे तुमने भी तो कहा था मैं स्कूल  नहीं जाउंगी ऐसे में तुम  कैसे चली  गई थी ?

मधु : -  उस दिन जब मैं अपने घर पहुंची तो मैंने देखा कि  घर पर  बिजली नहीं थी । भैया से पूछा तो मालूम चला कि ट्रांसफार्मर उड़ गया है और  आज बिजली आएगी ही नहीं । अब तुम ही बताओ बिजली नहीं होने से  मैं टी. वी .  में मैच कैसे देखती ?  उस दिन की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसलिए मैंने सोचा कि आज तो  मैं मैच भी नहीं देख पाऊंगी और पढ़ाई भी  मेरी छूटेगी इसलिए मैं स्कूल चली गई थी । 

वक्त में तो पंख लगे होते हैं इसे तो अपनी उड़ान भरनी ही  होती है । जैसे - जैसे वक्त बीतता गया ये दोनों मन ही मन एक -  दूसरे को पसंद करने लगे । ऐसा नहीं था कि मधु कोचिंग में ऋषभ  से ही बातें  करती थी वों तो अपनी कोचिंग  क्लास  के सब लड़कों  से बात करती थी लेकिन कुछ दिनों से वह  ऋषभ के लिए  कुछ अलग ही  अनुभव करने लगी थी।

ऐसा ही हाल ऋषभ का भी था लेकिन दोनों ने कभी भी अपनी फिलिंग्स अभी तक  एक - दूसरे को नहीं बताई थी ।  मधु और ऋषभ  के साथ उसी कोचिंग और उसी स्कूल में  एक लड़का पढ़ता था धरम ।वह भी मधु को पसंद करता था लेकिन वह यह बात जानता नहीं था कि मधु के दिल में तो कोई और ही  है  ।

मधु और ऋषभ जब भी बात करते रहते  धरम उनकी बातों को सुनने की कोशिश करता क्योंकि उसे शक था कि दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं । दोनों को साथ  देखकर उसके दिल में शक के  बीज  अंकुरित हो चुके थे  इसीलिए वह उन दोनों की बातें सुनने का प्रयत्न बार-बार कर रहा था  लेकिन दोनों के बीच होती  बातचीत सुनने के बाद भी   उसे कभी भी  ऐसा मालूम  नहीं चला जिससे कि उसके मन में पनप चुके  शक के बीज  अंकुरित  हो पौधे  का रूप ले सकें  ।


धरम ने एक तरकीब निकाली । अपनी तरकीब को सच का जामा पहनाने के लिए सबसे पहले तो वह ऋषभ  के पास गया।


ऋषभ और  धरम  के बीच हुई बातचीत 👇

धरम :- यार  मुझे ना ! कुछ दिनों  से कुछ - कुछ हो रहा है । जब भी मधु को देखता हूॅं  मेरा दिल धड़कने लगता है ।  स्कूल में ,  घर में और यहां तक की कोचिंग में भी  सिर्फ उसी के बारे में सोचता रहता हूॅं । मेरी हालत देखकर मेरे गांव के  दोस्तों का यह  कहना हैं कि मुझे मधु से प्यार हो गया है । तुम्हें क्या लगता है   मैं मधु से प्यार करने लगा हूॅं  ?

धरम  की बातें सुनकर ऋषभ  चुप ही रहता है ।  उसे चुप देखकर धरम दुबारा से उससे कहता है 👇

धरम :- यार ! वह मुझसे भी तो बहुत हंस - हंस कर बातें करती है।  तुम्हें क्या लगता है वो मुझसे  प्यार करती है ??

ऋषभ की छिछोरी बातों  को  सुनकर ऋषभ को  धरम पर  अंदर ही अंदर बहुत गुस्सा आता है लेकिन वो अपने गुस्से को  कंट्रोल करता है और कहता है 👇

ऋषभ :-  तुम  मधु से ही क्यों नहीं  पूछ लेते ?  मैं कैसे बता सकता हूॅं  कि वह  किसे चाहती है ?

यह कहते हुए ऋषभ अपनी साइकिल उठाता है और कोचिंग से अपने घर की तरफ जाने  वाले  रास्ते की तरफ मुड़ जाता है ।

क्या धरम‌ अपने प्यार का इजहार मधु से करेगाअगर वह ऐसा करता  भी है तो इसे वह  कैसे करेगा ? यह सब देखकर ऋषभ  पर क्या बीतेगी ? इन सभी सवालों के जवाब  जानने के लिए  इस धारावाहिक का  अगला भाग  अवश्य पढ़ें ।


क्रमशः


👉🏻👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉

गुॅंजन कमल 💓💞💗


# उपन्यास लेखन प्रतियोगिता 


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20 Comments

kashish

05-Mar-2023 02:28 PM

nice

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sunanda

17-Feb-2023 11:53 AM

nice

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Astha Singhal

15-Sep-2022 07:00 PM

बढ़िया शुरुआत

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